Adoption (दत्तक)
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दत्तक (संस्कृतः दत्तकः) का शाब्दिक अर्थ है, दूसरे की सन्तान को अपना बनाना। वैदिक एवं धर्मशास्त्रीय वचनों के अनुसार, दत्तक-ग्रहण द्वारा परिवार, वंश, पितृ-ऋण, श्राद्ध-कर्म तथा सामाजिक दायित्वों की निरंतरता सुनिश्चित होती है। दत्तक को केवल भावनात्मक संबंध नहीं माना गया, अपितु उसे माता-पिता के वास्तविक पुत्र के समान अधिकार भी प्रदान किए जाते थे। धर्मशास्त्रों- मनु, याज्ञवल्क्य, दत्तक-मीमांसा, दत्तक-चंद्रिका, वसिष्ठ, बौधायन आदि—ने दत्तक विधान के संदर्भ में विस्तृत वर्णन किया है।
परिचय
दत्तक की विधि संतानहीन को व्यक्ति को संतानवान करती है।